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-: कामदेव चूर्ण :-
1. कपिकच्छु की गिरी १ तोला,
2.श्वेत तालमूली २ तोला,
3.मखाने की ठुड्डी (छिलका-रहित) ४ तोला,
4.ताल मखाना ४ तोला,
5.मिश्री ५ तोला|
मात्रा और अनुपान : -
३ से 4 ग्रा सुबह-शाम गाय के दूध के साथ दे।
(गाय का दूध उपलब्ध न हो तो बकरी या भैंस का दूध ले सकते है)
लेकिन थैली बंद दूध प्रयोग नही करना हैं|
परहेज:- खट्टा, गरिष्ट भोजन और मीठा कम मात्रा में|
विशेष:- कम से कम 45 दिन प्रयोग करें|
गुण और उपयोग :-
इसके सेवन से धातु (शुक्र)-विकार, शीघ्रपतन और स्वप्नदोष आदि मिट जाते हैं।
शुक्र को गाढ़ा करने के लिये यह बड़ी अच्छी निर्दोष दवा है।
इस चूर्ण का उपयोग धातु (शुक्र) का पतलापन दूर कर उसे
गाढ़ा करने के लिए किया जाता है।
स्वप्नदोष या अति स्त्री-प्रसंग अथवा अप्राकृतिक ढंग से शुक्र का नाश करने से बीर्य पतला हो जाता है।
वीर्य पतला हो जाने से मनुष्य सांसारिक सुख-भोगादि से वंचित रह जाता है।
ऐसे मनुष्यों को जीवन बेकार-सा प्रतीत होने लगता है।
अत: यदि अपने जीवन को आनन्द के साथ बिताना तथा शरीर को बलिष्ठ और सुन्दर बनाना चाहें, तो इस चूर्ण का उपयोग कर लाभ उठायें।