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चूर्ण – आयुर्वेदिक चूर्णों की सूची
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चूर्ण – आयुर्वेदिक चूर्णों की सूची
Ayurvedic Churna List
चूर्ण या आयुर्वेदिक पाउडर एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि की एक श्रेणी है जिसमें एक या एक से ज्यादा जड़ी बूटियों को महीन पीसकर, कपड़े या बारीक चलनी में छानकर तैयार किया जाता है। “रज” या “क्षोद” चूर्ण के ही पर्यायवाची नाम हैं।
चूर्ण बनाने की विधि एवं तैयारी
चूर्ण सूखी और साफ जड़ी बूटियों से तैयार किया जाता है। चूर्ण बनाने से पहले, धूल हटाने के लिए जड़ी बूटियों ठीक से धोया जाता है।
कुछ सामग्री धूप में सुखाया जाता है। कुछ जड़ी बूटियों में सुगंधित और अस्थिर द्रव्य होते है और ऐसी जड़ी बूटियों को छाया में सुखाया जाता हैं।
जड़ी बूटियों की गुणवत्ता की जांच कर अच्छी और परिपक्व बूटियों को चुना जाता है और उनका प्रयोग चूर्ण बनाने के लिए किया जाता है। जड़ी बूटियों में आजकल मिलावट की जाने लगी है जिनकी जाँच अवश्य ही कर लेनी चाहिए। मिलावट रहित जड़ी बूटियों का ही प्रयोग चूर्ण बनाने के लिए करना चाहिए।
साफ और सूखी जड़ी बूटियों के छोटे टुकड़ों कर इमामदस्ते में कूटकर या पल्वराइजर में महीन पीसकर चूर्ण बना लिया जाता है।
यदि चूर्ण में एक से अधिक औषधियां हो तो प्रत्येक घटक अलग से पीसा जाना चाहिए। बाद में प्रत्येक घटक को तोलकर चूर्ण के फार्मूले अनुसार मिलाकर चूर्ण बना लें।
चूर्ण के प्रकार
मुख्य रूप से चूर्ण को तीन विभागों में बांटा जा सकता है:
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क्षार, लवण और अम्ल द्रव्य मिश्रित चूर्ण
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शक्कर, चीनी या मिश्री द्रव्य मिश्रित चूर्ण
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कटु तिक्त द्रव्य मिश्रित चूर्ण
क्षार, लवण और अम्ल द्रव्य मिश्रित चूर्ण का प्रयोग अग्निवर्धक औषधि के रूप में किया जाता है। यह चूर्ण उष्ण, पाचक, सारक, अग्नि दीपक और रुचि वर्धक आदि गुणों से युक्त होते है।
शक्कर, चीनी या मिश्री द्रव्य मिश्रित चूर्ण पित्त शामक और सौम्य आदि गुणों से युक्त होते है।
कटु तिक्त द्रव्य मिश्रित चूर्ण ज्वर, कण्डु (खुजली), त्वचा रोग आदि में प्रयोग किए जाते है।
नोट: हालांकि यह नियम सभी चूर्णों के लिए अनिवार्य नहीं है। प्रत्येक चूर्ण के गुण धर्म उनके घटक द्रव्यों पर निर्भर करते है और अलग अलग हो सकते है। ज्यादा जानकारी के लिए प्रत्येक चूर्ण पर हमारे लेख पढ़े।
चूर्ण के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएं
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चूर्ण बनाने के लिए या किसी भी औषधि को बनाने के लिए पुराने, सड़े-गले, घुन लगे हुए या कूड़ा मिश्रित पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
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चूर्ण में यदि लवण हो, तो इसको अंत में मिलाना चाहिए।
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यदि चूर्ण के योग में हींग का प्रयोग हो, तो इसके भुनकर अंत में मिलाना चाहिए।
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कुछ जड़ी बूटियों शतावरी और गिलोय का प्रयोग ताजी अवस्था में किया जाता है। इन जड़ी बूटियों को पीसकर पेस्ट (कल्क) बना लें और फिर इस पेस्ट को सुखा लें। फिर दुबारा से महीन पीस कर चूर्ण के योग के मिला दें।
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प्रत्येक जड़ी बूटी अलग से सुखाई जानी चाहिए, और यह नमी से मुक्त होनी चाहिए। जड़ी बूटी में यदि नमी रह जाये, तो इसके चूर्ण जल्द ही खराब हो सकता है।
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चूर्ण कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन में संग्रहित किया जाना चाहिए।
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पात्र के अंदर हवा ना जा पाए। इस प्रकार रखने से चूर्ण अधिक समय तक ठहरते हैं। बाहरी हवा लगने से चूर्ण गुणहीन और निर्वीर्य हो जाता है।
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हवा-बंद बर्तन में संग्रहीत चूर्ण 1 से 2 साल के लिए अच्छा वीर्यवान रहते है।
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क्षार युक्त चूर्ण वायुरुद्ध पात्र में रखने चाहिए। ऐसा करने से यह 1 साल तक सुरक्षित रहते है।
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पात्र खोलने के बाद, चूर्ण का 1 से 3 महीने के भीतर सेवन कर लेना चाहिए।
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बरसात में बनाया गया चूर्ण अधिक समय तक नहीं टिकता है।
आयुर्वेदिक चूर्णों की सूची
आयुर्वेदिक चूर्णों की सूची निमाल्लिखित है:-
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अग्निमुख चूर्ण
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अजमोदादि चूर्ण
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अविपत्तिकर चूर्ण
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अश्वगन्धा चूर्ण
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अश्वगन्धादि चूर्ण
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एलादी चूर्ण
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कमलाक्षादि चूर्ण
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कर्कटी बीज चूर्ण
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कर्पूरादि चूर्ण
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कामदेव चूर्ण
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कुंकुमादि चूर्ण
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कृमिघ्न चूर्ण
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कृष्णादि चूर्ण
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गङ्गाधर चूर्ण
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गोक्षुरादि चूर्ण
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चित्रकादि चूर्ण
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चोपचिन्यादि चूर्ण
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जातिफलादि चूर्ण
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तालिसादि चूर्ण
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तीक्ष्णविरेचन चूर्ण
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त्रिफला चूर्ण
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दंतमंजन लाल
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दन्तप्रभा चूर्ण (मंजन)
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दशनसंस्कार चूर्ण (मंजन)
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दशांग लेप
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दाड़िमाष्टक चूर्ण
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द्राक्षादि चूर्ण
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धातुपौष्टिक (शतावर्यादि) चूर्ण
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नमक सुलेमानी चूर्ण
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नागकेशरादि चूर्ण
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नारसिंह चूर्ण
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नारायण चूर्ण
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निम्बादि चूर्ण
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पंचसकार चूर्ण (विरेचक)
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पंचसम चूर्ण
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पञ्चकोल चूर्ण
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पामारि प्रलेप
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पुनर्नवा चूर्ण
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पुष्यानुग चूर्ण
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प्रदरनाशक चूर्ण
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प्रवाहिकाहर चूर्ण
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बाकुचिकाद्य चूर्ण
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बालचातुर्भाद्र चूर्ण
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बिल्वफलादि चूर्ण
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बिल्वादि चूर्ण
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भूनिम्बादि चूर्ण
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मञ्जिष्ठादि चूर्ण
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मदनप्रकाश चूर्ण
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मदयन्त्यादि चूर्ण
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मधुयष्टयादि चूर्ण
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मधुरविरेचन चूर्ण
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मरीच्यादि चूर्ण
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मलशोधक चूर्ण
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महाखाण्डव चूर्ण
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महासुदर्शन चूर्ण
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मीठा स्वादिष्ट चूर्ण
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यवक्षारादि चूर्ण
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यवानीखाण्डव चूर्ण
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रक्तचन्दनादि चूर्ण
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रसादि चूर्ण
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लघु सुदर्शन चूर्ण
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लघुमाई चूर्ण
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लवंगादि चूर्ण
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लवण भास्कर चूर्ण
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लाई चूर्ण
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वज्रक्षार चूर्ण
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विदार्यादि चूर्ण
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वृहत्समशर्कर चूर्ण
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व्योषादि चूर्ण
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शतपत्र्ययादि चूर्ण
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शतपुष्पादि चूर्ण
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शतावर्यादि चूर्ण
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शान्तिवर्द्धक चूर्ण
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शिवाक्षार पाचन चूर्ण
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सरलविरेचन चूर्ण
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सामुद्रादि चूर्ण
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सारस्वत चूर्ण
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सितोपलादि चूर्ण
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सिर दर्दनाशक चूर्ण
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सुखविरेचन चूर्ण
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हिंग्वष्टक चूर्ण
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हिंग्वादि चूर्ण
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हृद्य चूर्ण